नाम:- | महाराणा प्रताप |
पुरा नाम:- | महाराणा प्रताप सिंह सिसोदिया |
जन्म:- | 09 मई 1540 |
जन्म स्थान:- | इसकी दो धारणाये प्रचलित है:-
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राज्य अभिषेक:- | 28 फरवरी 1572 |
राज्याभिषेक स्थान:- | गोगुन्दा, राजस्थान |
पिता का नाम:- | महाराणा उदय सिंह |
माता का नाम:- | महारानी जयवंता बाई |
प्रिय घोड़े का नाम:- | चेतक |
प्रिय हाथी का नाम:- | राम प्रसाद |
धर्म:- | हिन्दू/सनातन धर्म |
वंश:- | सिसोदिया राजवंश |
रानियाँ:- | महारानी अजबदे पंवार सहित उनकी कुल 11 रानियाँ थी |
बचपन का नाम:- | किका |
निधन/मृत्यु:- | 19 जनवरी 1597 (चावंड, उदयपुर) |
उम्र:- | 56 साल |
महाराणा प्रताप का जीवन परिचय | Maharana Pratap ka jivan parichay
महाराणा प्रताप का जन्म वर्तमान राजस्थान के कुम्भलगढ़ दुर्ग में 9 मई 1540 को हुआ था। उनके पिता का नाम महाराणा उदय सिंह था, तथा मां का नाम जयवंता बाई था। महाराणा प्रताप को बचपन में “किका” कहकर पुकारते थे। उन्होंने बढ़ती उम्र के साथ उन्होंने कई युद्ध कौशल सीखे थे। वे बचपन से ही वीर ओर पराक्रमी योद्धा थे।
महाराणा प्रताप का राजतिलक 28 फरवरी 1572 को गोगुंदा ने हुआ था। लेकिन उनका विधि विधान के साथ दूसरा राजतिलक 1572 में ही, मे हुआ था। जिसमे जोधपुर के शासक राव चंद्रसेन भी उपस्थित थे। मुग़ल सम्राट अकबर बिना युद्ध किए महाराणा प्रताप को अपनी अधीनता स्वीकार करवाने के लिए कई कोशिश की थी, लेकिन अकबर इनमें कभी सफ़ल नहीं हो सका।
इसलिए अकबर ओर महाराणा प्रताप के बीच ऐतिहासिक हल्दी घाटी का युद्ध हुआ था। हल्दी घाटी का युद्ध 18 जून 1576 को हुआ था। इस युद्ध में महाराणा प्रताप कि सेना का नेतृत्व हकीम खान सुरी ने किया था जो एक मुस्लिम सरदार थे। ओर अकबर कि सेना का नेतृत्व मानसिंह ओर आसफ खान ने किया था। कई इतिहासकार मानते है कि इस युद्ध में कोई नहीं जीता था।
महाराणा प्रताप कि मृत्यु उनकी नई राजधानी चावंड में 19 जनवरी 1597 को हुई थी। इस समय महाराणा प्रताप कि उम्र 57 साल कि थी। महाराणा प्रताप कि 11 रानियां थीं, उनसे उनके 17 पुत्र, ओर 5 पुत्री थी। जिसमे उनके सबसे बड़े पुत्र का नाम अमर सिंह था। जो महाराणा प्रताप के उतराधिकारी थी।